हिंदी भाषा में स्वर और व्यंजन की विभिन्न मात्राओं का प्रयोग शब्दों की ध्वनि और उच्चारण में एक खास भूमिका निभाता है। ऋ की मात्रा वाले शब्द भी इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग कम शब्दों में होता है, लेकिन इसका महत्त्व और प्रभाव भाषा में बहुत विशेष होता है। यह मात्रा शब्दों में एक विशिष्ट ध्वनि उत्पन्न करती है, जिसे सही ढंग से बोलने और लिखने पर ही उसका अर्थ स्पष्ट हो पाता है।
ऋ की मात्रा का प्रयोग शब्दों में विशेष रूप से संस्कृत से उत्पन्न शब्दों में देखने को मिलता है, जैसे कि ‘ऋषि’, ‘कृपा’, ‘मृत्यु’ आदि। ये शब्द संस्कृत भाषा से सीधे हिंदी में आए हैं और आज भी इनके अर्थ और उपयोग में विशेषता पाई जाती है। हिंदी भाषा के व्याकरण और लेखन में ‘ऋ’ की मात्रा का सही प्रयोग बहुत ही आवश्यक है। इस प्रकार के शब्द हिंदी लेखन, बोलचाल और धार्मिक या सांस्कृतिक ग्रंथों में प्रमुखता से देखे जाते हैं।
यहां हम ‘ऋ’ की मात्रा वाले कुछ प्रमुख शब्दों की सूची दे रहे हैं, जो आपको इस मात्रा के उपयोग और महत्व को समझने में मदद करेंगे।
ऋ की मात्रा वाले शब्दों की सूची
| क्रमांक | शब्द | क्रमांक | शब्द | क्रमांक | शब्द |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | ऋषि | 51 | कृति | 101 | मृत्युदंड |
| 2 | कृपा | 52 | पृथ्वी | 102 | कृतज्ञता |
| 3 | मृत्यु | 53 | ऋतु | 103 | सृष्टि |
| 4 | तृप्ति | 54 | कृत्रिम | 104 | ऋण |
| 5 | कृत | 55 | कृतार्थ | 105 | तृष्णा |
| 6 | दृष्टि | 56 | ऋत | 106 | ऋणात्मक |
| 7 | वृत्ति | 57 | सुकृत | 107 | नृप |
| 8 | सृष्टि | 58 | पृथक | 108 | तृण |
| 9 | मृदु | 59 | कृतज्ञ | 109 | कृश |
| 10 | नृपति | 60 | मृतक | 110 | दृष्टिकोण |
| 11 | वृक्ष | 61 | गृह | 111 | कृत्रिमता |
| 12 | मृग | 62 | तृणमूल | 112 | मृत |
| 13 | कृमि | 63 | कृत्रिमता | 113 | कृतज्ञता |
| 14 | कृतज्ञ | 64 | कृपाण | 114 | पितृ |
| 15 | तृण | 65 | दृष्टांत | 115 | तृप्त |
| 16 | कृपण | 66 | तृषा | 116 | मृतात्मा |
| 17 | मृतक | 67 | कृषि | 117 | नृसिंह |
| 18 | मृदु | 68 | गृहिणी | 118 | सुकृत |
| 19 | मृत्युदंड | 69 | वृक्ष | 119 | कृतसंकल्प |
| 20 | पृथ्वी | 70 | तृष्णा | 120 | कृतज्ञता |
| 21 | मृग | 71 | तृप्त | 121 | कृत्रिमता |
| 22 | सृष्टि | 72 | कृपण | 122 | मृत्युप्राय |
| 23 | कृतज्ञता | 73 | नृप | 123 | सृजनशील |
| 24 | गृह | 74 | ऋण | 124 | तृषा |
| 25 | पितृ | 75 | कृतसंकल्प | 125 | कृतवचन |
| 26 | कृत्रिम | 76 | वृत्त | 126 | कृपणता |
| 27 | तृष्णा | 77 | कृति | 127 | मृतक |
| 28 | नृसिंह | 78 | सृष्टि | 128 | गृहप्रवेश |
| 29 | मृदुल | 79 | कृपणता | 129 | मृदंग |
| 30 | कृपाण | 80 | कृतज्ञ | 130 | नृप |
| 31 | मृदा | 81 | तृप्ति | 131 | तृष्णा |
| 32 | कृतवचन | 82 | गृहणी | 132 | कृति |
| 33 | गृहप्रवेश | 83 | वृक्ष | 133 | सृजन |
| 34 | सृजन | 84 | मृत | 134 | पितृपक्ष |
| 35 | मृत | 85 | कृमि | 135 | तृण |
| 36 | तृणमूल | 86 | तृप्त | 136 | ऋणात्मक |
| 37 | मृदंग | 87 | तृष्णा | 137 | नृशंस |
| 38 | कृपणता | 88 | कृतज्ञ | 138 | कृतार्थ |
| 39 | कृति | 89 | नृपति | 139 | मृतात्मा |
| 40 | कृत्रिमता | 90 | तृण | 140 | दृष्टि |
| 41 | तृष्णा | 91 | कृत्रिम | 141 | तृष्णा |
| 42 | गृहस्थ | 92 | मृग | 142 | मृदु |
| 43 | सृष्टि | 93 | नृसिंह | 143 | तृप्ति |
| 44 | कृत्रिमता | 94 | कृतसंकल्प | 144 | नृप |
| 45 | मृत्युप्राय | 95 | कृतज्ञ | 145 | गृह |
| 46 | पितृ | 96 | तृप्त | 146 | सुकृत |
| 47 | कृतज्ञता | 97 | मृतात्मा | 147 | मृदंग |
| 48 | सृजन | 98 | सृजनशील | 148 | मृत्युप्राय |
| 49 | मृत्युदंड | 99 | पितृपक्ष | 149 | कृपण |
| 50 | नृशंस | 100 | गृहस्थ | 150 | कृतसंकल्प |
Published in हिंदी व्याकरण









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